अँधेरे में तीर चलाकर लक्ष्य भेदा जाना कठिन होता है जबकि लक्ष्य केन्द्रित खुली आँख से सटीक निशाना लगने की सम्भावना बढ़ जाती है। आज के इस लेख का उद्देश्य है परीक्षा के लक्ष्य को स्पष्ट करना क्योंकि यह स्पष्टता तैयारी की राह को आसान कर देगी। साथ ही इस लेख में तैयारी की रणनीति को भी समझेंगे। इस लेख के लिए जानकारी जुटाई है देश की सर्वश्रेष्ठ कोचिंग संस्कृति IAS Coaching के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री अखिल मूर्ति सर से।
अखिल सर इतिहास (सामान्य अध्ययन, वैकल्पिक) विषय पढ़ाते हैं। सर से मार्गदर्शन पाकर हजारों अभ्यर्थियों ने सफलता सुनिश्चित की है। अखिल सर वर्तमान में संस्कृति IAS में पढ़ा रहे हैं, जिसके मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं। यह संस्था UPSC सिविल सेवा की तैयारी कराने वाली देश की सर्वश्रेष्ठ संस्था है।
चर्चा के क्रम में अखिल मूर्ति सर से पूछा कि UPSC सिविल सेवा परीक्षा के बारे में जानकारी साझा करें।
सर ने कहा कि इस परीक्षा की प्रकृति विशिष्ट है। चूँकि परीक्षा बहुचरणीय है और प्रत्येक चरण भिन्न प्रकृति का होता है। तैयारी में समग्रता के साथ संतुलन आवश्यक है। कम समय में तैयारी को सम्पूर्ण करने के लिए अध्ययन में अनुशासन एवं समय प्रबंधन की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
यदि अभ्यर्थी कम समय में परीक्षा उत्तीर्ण करना चाहते हैं तो उन्हें क्या प्रयास करने चाहिए?
UPSC सिविल सेवा परीक्षा थोड़ी जटिल है चूँकि इसका पाठ्यक्रम विस्तृत है एवं प्रतिस्पर्धा अधिक है। यदि अभ्यर्थी के पास सटीक मार्गदर्शन और उचित रणनीति है तो उसके लिए UPSC सिविल सेवा परीक्षा को एक वर्ष की तैयारी में भी पास किया जा सकता है। इसकी प्रभावी रणनीति के लिए सर ने कुछ सुझाव दिए हैं, जो निम्नलिखित हैं-
- UPSC, सिविल सेवा परीक्षा की सम्पूर्ण प्रक्रिया को लगभग एक वर्ष में पूरा कर लेती है। अपनी तैयारी की रणनीति को इसी के मुताबिक बनाएं।
- शुरूआती 6 से 7 महीनों को सामान्य अध्ययन के लिये विषयवार आनुपातिक रूप में बाँट लें। इसी दौरान वैकल्पिक विषय के लिए भी समय निकालें।
- आरम्भ से ही पाठ्य सामग्री एकत्रित करते चलें और हर विषय के शार्ट नोट्स भी बना लें।
- वर्तमान परीक्षा पैटर्न को ध्यान में रखते हुए CSAT को भी गहनता से लें।
- सामान्य अध्ययन के प्रत्येक विषय के लिए निर्धारित समय में प्रारंभिक परीक्षा एवं मुख्य परीक्षा दोनों की समग्र तैयारी करें।
- उत्तर लेखन को शुरुआत से ही प्रभावी करने का प्रयास करते रहें।
- अध्ययन में निरंतरता बनाए रखें, पढ़े हुए को अद्यतन (Update) करते रहें।
- प्रारंभिक परीक्षा के नजदीक आने पर मुख्य परीक्षा की तैयारी को कुछ दिनों के लिए रोककर प्रारंभिक परीक्षा केन्द्रित हो जाएँ।
- जैसे ही प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण कर लेते हैं, तो आगे के 2 से 3 महीनों में पूरी शिद्दत से मुख्य परीक्षा में लग जाएँ।
- मुख्य परीक्षा के बाद शेष समय में साक्षात्कार की तैयारी को सम्पूर्णता दें।
यदि अभ्यर्थी अपनी अध्ययन की रणनीति में उक्त सुझाए गए बिन्दुओं को शामिल करते हैं तो उनकी तैयारी का बोझ हल्का हो जाता है। साथ ही उनकी समस्त ऊर्जा लक्ष्य केन्द्रित रहती है तो उनके सफल होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।